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Programs Survidhya Season 2 About Us Survidhya 2

About Survidhya 2

संगीत भक्ति का अनूठा साधन है... संगीत संस्कृति का परिचायक है... और संगीत गुरू आराधना का श्रेष्ठ माध्यम है... संगीत के माध्यम से प्रभु आराधना और गुरू भक्ति के अनूठे संगम के रूप में जिनवाणी चैनल सुर विद्या-2 सीज़न 2 की प्रस्तुति दे रहा है, जिसमें भक्ति गीतों के माध्यम से स्वर साधक जहां अपनी भक्ति प्रभु चरणों में समर्पित करेंगे तो वहीं वर्तमान के वर्धमान आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के गुणगान का सौभाग्य भी उन्हें प्राप्त होगा, धर्म प्रभावना के क्षेत्र में जिनवाणी चैनल इस कार्यक्रम के माध्यम से विश्व के स्वर साधकों को एक विश्वस्तरीय मंच पर लाकर उनकी भक्ति को एक नई दिशा देना चाहता है।
धर्म के प्रति निष्ठा और स्वर साधना के प्रति समर्पित कार्यक्रम सुर विद्या-2 एक ऐसा मंच है, जहां विश्व के कोने-कोने से आये स्वर साधकों की भावभीनी संगीतमय भक्ति गीतों की प्रस्तुति अद्भुत होगी, जिनवाणी चैनल का यह प्रयास रहेगा कि सुर विद्या-2 का मंच विश्व और समाज के सामने प्रतिभा सम्पन्न कलाकारों को प्रस्तुत करके उनके जीवन को एक नई दिशा दे।

About Jinvani    

इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत में इस धरती पर अत्यंत पुरानी व समृद्ध सभ्यता विरासत में पाई और यदि पूछा जाए कि भारत के इस लम्बे और गरिमापूर्ण इतिहास में वैज्ञानिक दृष्टीकोण से धर्म को जन जन तक पहुंचाने वाला व्यक्ति कौन हुआ है, तो आज प्रबुद्ध वर्ग बिना किसी हिचकिचाहट के भगवान महावीर का ही नाम लेगा., भगवान महावीर ने 2600 वर्ष पहले जो कहा, वह आज भी उतना ही नया है जितनी सुबह की ओस की बूंद, आज हिंसात्मक विनाश के जिस मुहाने पर संसार खड़ा है उन परिस्थितियों में सिर्फ अहिंसा का उद्घोष करने वाली भगवान महावीर की वाणी ही विश्व को शांति पथ की ओर अग्रसर कर सकती है,

भगवान महावीर की देशना को किसी भी एक धर्म या जाति से नहीं बांधा जा सकता, उनकी देशना प्राणी मात्र के कल्याण के लिए थी, लेकिन उसे अनेकों दृष्टीकोण से देखा, समझा और कहा गया, जिनवाणी चैनल उसी दृष्टीकोण का व्यापक स्वरूप विश्व के सामने रखने का प्रयास लगातार कर रहा है, जिससे जैन धर्म का मर्म समझने और उसे व्यवहार में लाने का मार्ग प्रशस्त हो सके...

विश्व भर में फैले जैन समाज की विभिन्न धाराओं को एक संगठित स्वरूप देने के लिए जिनवाणी चैनल सेतु की भूमिका का निर्वहन करता आ रहा है, जिससे संतों और मुनियों के दिशा निर्देशन में उनके ही बताये मार्ग पर चल कर जैन समाज की शक्ति का सही उपयोग हो सके, जिनवाणी चैनल के माध्यम से जहां गुरूओं के विचार जैन समाज तक पहुंचते है वहीं जैन धर्म का प्रचार- प्रसार के लिए आयोजित सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों की जानकारी भी लोगों को मिलती है |

 Our Motive

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के संयम एवं तप जीवन के 50 वर्ष पूरे होने के उपरान्त आचार्यश्री ससंघ के उत्तर प्रदेश में 32 वर्ष बाद आगमन पर जहां पूरे भारत वर्ष ने आचार्य श्री गुरूवर की तप एवं साधना को भक्ति भाव से ओत प्रोत होकर विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से नमन किया तो वहीं इसी श्रृंखला में जिनवाणी चैनल भी एक विश्व स्तरीय भजन गायन प्रतियोगिता सुर विद्या-2 के माध्यम से आचार्यश्री विद्या सागर जी महाराज के श्री चरणों में भक्ति की अभिव्यक्ति कर रहा है |